जिसको जिसकी कहनी थी



डॉ. कीर्ति पाण्डेय

जिसको जिसकी कहनी थी
वो कहते सुनते चले गये
मेरी कही रही मन के अंदर
हम उलझन बुनते चले गये
  
राह मिली मंजिल कहा थी 
मंजिल थी तो राह नहीं 
मंजिल और रहों के बीच 
हम खुद को खोते चले गये। 
प्यास जगी तो नीर नहीं था 
नीर दिखा दरिया गहरा 
प्यास बूझाते कैसे हम 
डूबते तैरते चले गये।

Comments

  1. Spiritual path (pathless path भी कहा जाता है), का एक description जैसा है।
    अगर अनुभव है, तो "जय हो"🙏

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  2. प्यास प्यास कहने से नही बुझेगी प्यास।
    अपने कर्म में, अपने ईश में रख अखंड आस।।
    #सशक्त

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  3. बहुत सुंदर पंक्तियाँ

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  4. बहुत सुन्दर पंक्ति
    जय श्री राम ।।

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